Essay on Winter Season in Hindi । शरद ऋतु पर निबंध

शरद ऋतु । About Winter Season in Hindi : दोस्तों आज मैं शरद ऋतु या फिर कहे तो सर्दी के मौसम पर निबंध लिखी हूं। हमारे ख्याल से सिर्फ भारत ही एक ऐसा राष्ट्र है, जहां विभिन्न ऋतुएँ, विभिन्न प्रकार की जलवायु,आदि पायी जाती है। कुल मिलाकर कहें तो यहां की हर क्षेत्र में हमें विभिनता देखने को मिलती है। इन सभी तथ्यों के कारण ही तो आज दुनिया भर में भारत अपना स्थान कुछ अलग ही रखता है।

हमारे देश में मुख्य रूप से तीन ऋतुएँ पाई जाती है। शरद ऋतु, ग्रीष्म ऋतु और वसंत ऋतु। जिस प्रकार ग्रीष्म व वसंत ऋतु अपने आप में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। ठीक उसी प्रकार शरद ऋतु भी अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है। तो आज हमारी कोशिश रहेगी कि आज के विषय शरद ऋतु पर मै काफी सरल शब्दों में आप सभी को यथासंभव जानकारी दे सकूं।

शरद ऋतु । Winter Season in Hindi in 150 Words

भारतीय ऋतुओ में प्रमुख स्थान रखने वाली ऋतुओ में से एक है- शरद ऋतु (Winter Season in Hindi)। जिन्हें हम सर्दी का मौसम अथवा ठंड का मौसम कहते हैं। यही एक ऐसा ऋतु है जिसमें अन्य ऋतुओ की अपेक्षा अधिक ठंड पड़ती है।

भारतीय कैलेंडर के अनुसार यहां शरद ऋतु का आगमन दिसंबर में होता है तथा समाप्ति मार्च के महीने मे। यहां खासकर दिसंबर और जनवरी के महीने में काफी ठंड पड़ती है। इस महीने में भारत के विभिन्न क्षेत्रों काफी ठंडी हवाएं चलती हैं और शाम होते ही चारों तरफ कोहरे छा जाते हैं।

इस कोहरे का प्रभाव इतना जबरदस्त होता है कि, बिना रोशनी के कुछ भी देखना मुश्किल हो जाती है।कोहरे के कारण कभी-कभी सड़क हादसा भी हो जाती है। इतना ही नहीं जब ठंड अपने चरम पहुंच जाती है। तो अन्य कई पशु-पक्षियों भी मर जाते है। इस मौसम में लोग अंगेठी के पास बैठना पसंद करते हैं। शरद ऋतु में मौसम काफी अच्छी और वातावरण स्वच्छ होता है।

About Summer Season in Hindi in 250 Words

शरद ऋतु की शुरुआत भारत में दशहरा के बाद तथा समाप्ति होली के पहले मानी जाती है। यह ऋतु वर्षा ऋतु के समाप्ति के प्रायः 2 महीने बाद आरंभ होती है। इसमें लोग ठंड से बचने के लिए ऊनी वस्त्र का प्रयोग करते है। क्योंकि ऊनी कपड़े काफी गर्म होती है। यही कारण है कि, इस पर ठंड का असर नहीं पड़ता।

खासकर हमारे देश के विभिन्न भागों में ठंड के प्रवेश करते ही दुकानों में ऊनी कपड़े अंबार लग जाते हैं और काफी संख्या में लोग अपनी जरूरत के हिसाब से दुकानों से कपड़े खरीदते हैं। शरद ऋतु में रात बड़ी और दिन छोटी होती है। कब दिन बीत जाती है और रात हो जाती पता ही नहीं चलता। इन दिनों लोग सूर्य के प्रकाश में और आग पास बैठना पसंद करते हैं।

इस ऋतु में कई प्रकार की फसलें बोयी जाती है। इस ऋतु में कई प्रकार की फसले बोयी जाती है । इन्हें न सिर्फ शरद ऋतु के नाम से जाना जाता है बल्कि इसे फूलों तथा फलों की ऋतु का भी दर्जा दिया गया है। क्योंकि इस ऋतु में कई प्रकार की फले, सब्जीयाँ और फूलों की भी उपज होती है। हमारे देश में लोग इस ऋतु का खूब आनंद उठाते हैं। और गरमा-गरम पकौड़े, गर्म चाय आदि पीना पसंद करते हैं।

बच्चे कई प्रकार के खेलो जैसे- क्रिकेट, हॉकी, टेनिस, बैडमिंटन, वॉलीबॉल आदि खेलना पसंद करते है। इस ऋतु में सुबह के समय में कुहासा से धरती ढकी रहती हैं और सूर्योदय विलंब से होती है। कभी-कभी तो है स्थिति ऐसी आ जाती है कि, कई दिनों तक लोग सूर्य के दर्शन को तरस जाते हैं।

Essay on Winter Season in Hindi in 350 Words

भारत न सिर्फ एक कृषि प्रधान देश है बल्कि इसे ऋतुओं का देश भी कहा जाता है। क्योंकि यही एक ऐसा देश है जहां अलग-अलग ऋतुए निरंतर अपने- अपने समयानुसार चलती रहती है। उन्हीं ऋतुओं में से एक है- शरद ऋतु जो ठंड के लिए जानी जाती है। भारत के पूरे 1 वर्ष की अवधि में यही है ऐसा ऋतु है जो हम सभी भारतवासी को ठंड का एहसास कराती है।

हमारे देश में इस ऋतु की शुरुआत पतझड़ के बाद और वसंत के आगमन पर समाप्त होती है। इस प्रकार कहे तो इस ऋतु की अवधि हमारे देश में तीन महीनो तक चलती है। कभी-कभी ठंड की अधिकता के कारण मानव सहित कई जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों को काफी परेशानीयो का सामना भी करना पड़ता है। इस ऋतु में काफी संख्या में विदेशी पर्यटक यहां की प्राकृतिक छटा को देखने आती हैं और उसका आनंद उठाते है।

यह ऋतु वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी स्वास्थ्यवर्धक होती है। यहां जब तापमान देश के उत्तरी भागों में 100-150 डिग्री सेल्सियस से कम तथा दक्षिणी भागों में 20-250 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाती है। तब इन क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ने लगती है। जब शरद ऋतु अपने चरम अवस्था में पहुंच जाती है। तब खासकर देश के उत्तरी भागो में काफी तीव्र गति से आद्र हवाएं चलती और प्रायः हमे शाम और सुबह के समय धुंध का सामना करना पड़ता है।

इस ऋतु की सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि, ज्यो-ज्यो ठंड बढ़ती है। त्यों-त्यों प्रकृति की सुंदरता हमें और भी आकर्षित करती है। सुबह में ओस की बूंदे ऐसे गिरती हैं। मानो आसमान से मोती गिर रही है। इस ऋतु में दिन छोटी होने की वजह से सभी लोग शाम ढलने से पहले ही अपने सारे काम निपटा लेते हैं। जब कभी इस ऋतु में वर्षा हो जाती है। तब तो आमलोगों को यह और भी मुश्किल में डाल देती है।

इस मौसम में सारी फल, फूल, सब्जियां काफी हरी-भरी दिखती हैं। वातावरण बहुत स्वच्छ और आनंददायक होता है। खासकर भारत के ग्रामीण इलाके में इस मौसम में शाम के ढलते ही कई लोग अंगेठी के पास बैठ कर अपना समय बिताते हैं। बच्चे और बुजुर्ग को इस ऋतु में काफी सावधानी से रहना पड़ता है। इस ऋतु में लोग काफी चुस्त-दुरुस्त रहते हैं।

Long Essay on Winter Season in Hindi

जैसा कि आप सभी जानते हैं। भारत की जलवायु मे काफी विविधता पाई जाती है। अगर सामान्य रूप से देखा जाए। तो भारत में सामान्यतः छःह प्रकार की ऋतुएँ पाई जाती है। जिसमे वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, और शिशिर ऋतु आती है। परंतु मुख्य रूप से यह तीन प्रकार की होती है।

जिसमे ग्रीष्म, शरद और वसंत ऋतु आती है। इन सभी ऋतुओ में शरद ऋतु का भी स्थान महत्वपूर्ण है। भारत में पाए जाने वाले अन्य सभी ऋतुओ की अपेक्षा शरद ऋतु में अधिक ठंड होती है। इस ऋतु में लोग धूप में रहना और आग सेकना पसंद करते है। शीत ऋतु में ठंडी- ठंडी हवाएं चलती हैं और वातावरण काफी स्वच्छ और सुंदर होते हैं।

शरद ऋतु की अवधि

आमतौर पर भारत में शीत ऋतु (Winter Season in Hindi) का काल निर्धारण दीपावली के बाद और होली के पहले किया जाता है। या फिर हम ऐसा भी कह सकते हैं कि, यहां शीत ऋतु का काल नवंबर-दिसंबर से लेकर फरवरी-मार्च तक होता है। खासकर दिसंबर और आधी फरवरी तक यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है। दूसरे शब्दों में कहे तो हमारे राष्ट्र में जाड़े की ऋतु का शुरुआत वर्षा ऋतु के पश्चात होती है।

इतना ही नहीं अगर मैं भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार भारत में पड़ने वाली इस ऋतु का काल निर्धारण करूं तो, यह ऋतु आश्विन-कार्तिक माह में प्रारंभ होती है और माघ-फागुन तक रहती है। कुल मिलाकर कहें तो भारत में इसकी अवधि तीन से चार महीने की होती है। इस ऋतु में खासकर उत्तर-पूर्वी भारत में काफी अधिक ठंड पड़ती है।

शीत ऋतु आने के कारण

जैसा कि आप सभी जानते हैं। पृथ्वी हमेशा अपने अक्ष पर सूर्य की परिक्रमा करती है और साल भर की पूरी अवधि में जो ऋतू और मौसम परिवर्तन होता है। इसका कारण भी पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना है। खासकर भारत में मौसम और जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण पृथ्वी का घूर्णन गति है। पृथ्वी अपने अक्ष 23.5 डिग्री झुकी हुई है।

जो अपने अक्ष पर वर्ष भर में सूर्य का एक चक्कर लगाती है। हमारा देश भारत उत्तरी गोलार्ध में अवस्थित है और यही कारण है कि, जब पृथ्वी सूर्य से दूरी पर चक्कर लगाती है। तो भारत में शरद ऋतु का आगमन होता है। परंतु ज्यो-ज्यो शरद ऋतु का अंत होता है। पृथ्वी सूर्य की ओर बढ़ने लगती है। वैसे कहे तो मकर संक्रांति के बाद से पृथ्वी सूरज की ओर बढ़ने लगती है।

दूसरे शब्दों में हम कर सकते हैं कि, जब सुर्य की किरणे मकर रेखा पर सीधी पड़ती है। तो भारत में शरद ऋतु होती है और जब सूरज की किरणे कर्क रेखा पर सीधी पड़ती है तो भारत में ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है। शीत ऋतु का हिमालय से भी काफी गहरा संबंध है। क्योंकि जब हिमालय पर बर्फबारी होती है। तब उत्तर दिशा की और पवन चलना प्रारंभ हो जाती है और भारत में शीत ऋतु का आगमन होता है।

जाड़े के समय में भारतीय प्रकृति का दृश्य

जिस प्रकार सभी ऋतुओ मे अपना एक अलग पहचान रखने वाली ऋतु है- शीत, ठीक उसी प्रकार इस ऋतु में भारतीय प्राकृतिक का दृश्य भी अन्य ऋतुओ की अपेक्षा इस ऋतु में अपना कुछ अलग ही महत्व रखती है। शरद नामक (Winter Season in Hindi) इस ऋतु के प्रारंभ होते ही हमारे देश में रात बड़ी और दिन छोटी होने लगती है।

इसकी शुरुआती अवस्था मे हल्की-हल्की कुहासा लगती है। पर ज्याे-ज्यो यह बढ़ती है त्यो-त्यो कोहरा भी अपनी रूप विस्तार करता जाता है। समय ऐसा जाता है कि, शाम ढलते ही कुहासा छाने लग जाता है और सुबह को पूरी जमीन ओस की बूंदों से गिर जाती है। जो एक काफी मनमोहक दृश्य उपस्थित करती है।

इस ऋतु में ना सिर्फ मनुष्य बल्कि पशु-पक्षियों सहित पेड़-पौधे भी सूर्य के निकलने का इंतजार करते हैं। क्योंकि इस मौसम में यहां काफी ठंड पड़ती है। अगर मैं पहाड़ी इलाके की बात करूं तो इस मौसम में इसकी सुंदरता किसी जन्नत से कम नहीं होता। इन क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण यहां के घरो, पेड़ो और घास और सहित अन्य सभी चीजे बर्फ की सफेद आवरण से गिर जाती है।

और जब सूरज की लालिमा इन पर पड़ती है तो यहां एक आश्चर्यजनक दृश्य उपस्थित होता है। इन सभी कारणो से खासकर इस ऋतु में काफी संख्या में विदेशी पर्यटक का पदार्पण होता है। सरसों और गेहूं के फूल जब आते हैं। तो इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि, सच में यहाँ किसी जन्नत की दृश्य उपस्थित होती है।

शरद ऋतु में भारतीय लोगों का दिनचर्या

इस ऋतु के पदार्पण के साथ ही न सिर्फ भारतीय लोगों की बल्कि पशु-पक्षियाँ भी अपने दिनचर्या में परिवर्तन लाते हैं। काफी ठंड पड़ने के कारण बच्चे से लेकर बूढ़े सभी अलवा के पास बैठकर उसका आनंद उठाते हैं। सभी लोग गर्म कपड़े जैसे- स्वेटर, जैकेट, गुलबंद, टोपी, जूते, दस्ताने इत्यादि पहनते हैं।

ताकि ठंड से उनकी बचाव हो सके। इस मौसम में लोगों को आलस्य कम आती है। अक्सर लोग सुबह के समय व्यायाम (Exercise), ध्यान करना (Meditation) दौड़ना (Running), टहलना (Walking) आदि पसंद करते हैं। ठंड होने के कारण विद्यालय और कार्यालयो के भी समय बदल दिए जाते हैं। अक्सर सभी स्कूल, कॉलेजो और कार्यालयो का समय 10:00 AM to 3:00 PM कर दी जाती है।

इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। गांव में पशुओं को भी ठंड से बचाने के लिए कई प्रकार की व्यवस्था की जाती है। शाम ढलते ही बच्चे और बूढ़े अक्सर बिस्तर पर चले जाते हैं और सुबह थोड़ी देर से उठते हैं। इस प्रकार कहे तो इस मौसम में लोगों की दिनचर्या में काफी बदलाव आती है।

शरद ऋतु में उपज ने वाले प्रमुख फल फूल सब्जियां और अनाज

इस मौसम के प्रवेश करते ही हमारे देश में अन्य चीजों की तरह फल, फूल और सब्जियां भी अन्य मौसमो की तुलना में बदल जाते हैं। अगर मैं अनाज की बात करूं तो इस मौसम में गेहूं, सरसों और जौ आदि फसलें की बुआयी की जाती है। क्योंकि इन्हें कम तापमान की आवश्यकता होती है।

यही कारण है कि, इन फसलों के लिए यह ऋतु सर्वाधिक उपयुक्त होती है। सब्जियों और फलो में बंदगोभी, फूलगोभी, गाजर, टमाटर, पालक, नारंगी, पपीता, अंगूर, अमरूद, धनिया, बैगन, मूली, लहसुन, मटर आदि फल और हरी सब्जियां उगाई जाती है। वही फूलों में सूर्यमुखी, गुलाब, गेंदा, रातरानी, गुलदाउदी आदि खूबसूरत फूलों की छटा हमें देखने को मिलती है।

शरद ऋतु में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार

हमारे भारतीय समाज में बसंत पंचमी (सरस्वती पूजा), गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), लौहड़ी, मकर संक्रांति, क्रिसमस डे आदि त्यौहार इस ऋतु में ही मनाए जाते हैं।

उपसंहार (Conclusion)

हमारे देश में पाई जाने वाली अन्य सभी ऋतुओ की अपेक्षा यह ऋतु काफी अच्छी होती है। इस मौसम में लोगों को किसी भी काम को करने में ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। इस ऋतु मे अक्सर लोग स्वस्थ्य रहते हैं। इस ऋतु में सारे खेत- खलिहान काफी हरे-भरे लगते हैं। जो एक मनमोहक दृश्य उपस्थित करती है।

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