Importance of Education in Hindi । शिक्षा का महत्व पर निबंध

About Education in Hindi । शिक्षा के बारें में : Friends, आज मैं आप सभी के लिए एक बहुत ही खास Artical लेकर आयी हूँ। जो हैं : Importance of Education in Hindi (शिक्षा का महत्व)।

उम्मीद करती हूँ, कि आज का यह आर्टिकल आपके लिए Helpful होगा। आज इस आर्टिकल के माध्यम से आप शिक्षा से संबंधित विभिन्न तथ्य।

यथा-

  • शिक्षा क्या है? What is Education in Hindi?
  • हमारे जीवन में शिक्षा का महत्व कितना है? Importance of Education in Our Life?
  • शिक्षा हमारे जीवन में क्यों जरूरी है? Why Education Important in Our Life?

Topic पर जानकारी हांसिल कर पायंगे।

तो चलिए चलते हैं, अपनी मुद्दों की ओर और जानते हैं, शिक्षा से जुड़ी विभिन्न तथ्यों के बारे में विस्तार-पूर्वक।

Importance of Education in Hindi in 150 Words

शिक्षा वह शब्द जो एक इंसान को जीवन जीना सिखाता है। शिक्षा मनुष्य के जीवन का आधार है। हमारे समाज में अशिक्षित व्यक्ति को पशु के समान ही समझा गया है।

शिक्षा एक ऐसी चीज है, जो मनुष्य की पशुता मिटाकर उसे जीवन जीना सिखाती है। शिक्षा से ही मनुष्य के मस्तिष्क का समग्र विकास हो पाता है।

दुनिया में शिक्षा ही एक ऐसी चीज है, जिसे हर कोई ग्रहण करना चाहता है और अपने बच्चों को देना चाहता है। चाहे वह अमीर हो या गरीब, चोर हो या पुलिस।

सभी चाहते हैं, कि उनका बच्चा शिक्षा ग्रहण कर एक अच्छा इंसान बने। हमारे समाज में शिक्षित व्यक्ति का एक अलग ही पहचान और स्थान होता है।

शिक्षा के माध्यम से ही मनुष्य दक्षता अथवा कुशलता हासिल करता है। एक अच्छे चरित्र का निर्माण केवल शिक्षा के माध्यम से ही संभव है।

मनुष्य के विकास के साथ-साथ शिक्षा का प्रारूप भी बदला है। शिक्षा हमें जीवन का अर्थ बतलाती है। किसी भी इंसान, समाज और देश के विकास में शिक्षा आधार स्तंभ के रूप में काम करता है।

शिक्षा के माध्यम से पृथ्वी पर मौजूद सभी चीजों को हासिल किया जा सकता है। शिक्षा के बारें में कई विद्वानों ने अपनी-अपनी अनमोल बातें कहे हैं।

भारत के द्वितीय राष्ट्रपति और एक महान शिक्षक के रूप में विख्यात डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा के संबंध में कहे हैं : “शिक्षा के द्वारा ही मनुष्य मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है।”

अतः विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंध करना चाहिए।”

Essay on Education in Hindi in 250 Words

शिक्षा से मनुष्य के दिशाहीन जीवन को दिशा मिलता है। मनुष्य को पृथ्वी पर मौजूद अन्य प्राणियों से केवल शिक्षा ही अलग करती है।

हमारे समाज में एक बच्चे को उसके बचपन से ही शिक्षा के महत्व (Shiksha Ka Mahatva in Hindi) के बारे में बताया जाता है। उसे शिक्षा ग्रहण करने के लिए घर से दूर भेजा जाता है।

शिक्षा के माध्यम से बड़े-से-बड़े समस्याओं को भी आसानी से सुलझाया जा सकता है। इतना ही नहीं शिक्षा के माध्यम से बड़े-से-बड़े लक्ष्यों को भी हासिल किया जा सकता है।

जीवन के सभी अवस्थाओं में संतुलन बनाए रखने में शिक्षा ही हमारी मदद करती है। शिक्षा से मनुष्य का बौद्धिक विकास होता है। मनुष्य को किसी भी वस्तु या परिस्थिति को समझने का ज्ञान केवल शिक्षा से ही हो सकता है।

मनुष्य अपने जीवन को सरल और सुखमय केवल शिक्षा के माध्यम से ही कर सकता है। शिक्षा प्राप्त कर मनुष्य ज्ञानी बनता है, और उसमें सकारात्मक विचार आता है।

शिक्षा से केवल एक इंसान का ही नहीं विकास होता अपितु समूचे समाज का विकास होता है। मनुष्य में आधुनिकता लाने में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इतना ही नहीं बल्कि अमीरी और गरीबी के बीच का फर्क सिर्फ शिक्षा ही है। मनुष्य के जीवन के हर पहलु में शिक्षा आवश्यक है। हमारे देश भारत में सबके लिए शिक्षा का व्यवस्था किया गया है।

भारत सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि, देश के सभी नागरिकों को समान रूप से शिक्षा का लाभ मिल सके। इसके लिए सरकार द्वारा कई परियोजनाएं चलाए जा रहे हैं।

एक समृद्ध जीवन जीने के लिए शिक्षा अहम जरूरी है। किसी भी देश का भविष्य उसके नागरिकों की शैक्षणिक स्थिति पर निर्भर करता है।

अगर हम शिक्षा को अपने जीवन से अलग कर दे तो हमारा जीवन लक्ष्यहीन और जटिल हो जाएगा। अतः शिक्षा हमारी प्राथमिक मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है।

Shiksha Par Nibandh in 550 Words

शिक्षा हमारी मूलभूत आवश्यकता है। इसके बिना हमारा जीवन अधूरा है। मनुष्य में इंसानियत केवल शिक्षा के माध्यम से ही जगाया जा सकता है।

शिक्षा ग्रहण करने के बाद हमें समाज में बोलने, जीने और रहने का ज्ञान होता है। इसीलिए तो शिक्षा को किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण में सबसे अहम माना जाता है।

शिक्षा हर आदमी का प्रथम और जन्मसिद्ध अधिकार है। शिक्षा सामाजिक, आर्थिक, तकनीकी, राजनैतिक और बौद्धिक विकास का माध्यम है।

यह मनुष्य में दक्ष (कौशल) का निर्माण करता है। जिसके माध्यम से मनुष्य अपना जीवन यापन करता है। कहा जाता है कि दुनिया में सिर्फ शिक्षा ही एक ऐसी चीज है।

जो बांटने से घटता नहीं बल्कि और बढ़ता है। हमारे समाज में एक बच्चे को शिक्षा देने की शुरुआत सबसे पहले उसके मां-बाप के द्वारा ही की जाती है।

इसीलिए तो हमारे देश में मां-बाप को प्रथम गुरु का दर्जा दिया गया है। इतना ही नहीं बल्कि बच्चे को संस्कार देने का काम परिवार वाले ही करते हैं।

शिक्षा के माध्यम से जीवन के बड़े-बड़े मुकाम और सपने को हासिल किया जा सकता है। हम शिक्षा के बिना अधूरे है। आज के आधुनिक युग में अच्छा जीवन यापन बिना शिक्षित हुए नहीं किया जा सकता है।

आदिम से लेकर आधुनिक युग तक का सफर शिक्षा के माध्यम से ही संभव हो पाया है, क्योंकि इस बीच जो भी विकास हुआ शिक्षा से ही हुआ है।

यह बात अलग है कि प्राचीन और आधुनिक शिक्षा व्यवस्था में आसमान-धरती का फर्क है। प्राचीन समय में हमें गुरुजनों के द्वारा केवल आध्यात्मिक और शारीरिक शिक्षा ही दी जाती थी।

परंतु अब हमें तकनीकी, समाजिक, प्रायोगिक इत्यादि कई प्रकार की शिक्षा दी जाती है। हमारे देश भारत में शिक्षा का त्रिस्तरीय व्यवस्था है – प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक है।

सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है, कि भारत सरकार द्वारा 6 से 14 वर्षों के छात्र और छात्राओं को नि:शुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है।

स्कूली शिक्षा का बच्चों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका होता है, क्योंकि यहीं से बच्चों में चीजों को समझने-बूझने के क्षमता का विकास होता है।

यह बात भी सत्य है कि, शिक्षित व्यक्ति हमेशा अपने जीवन के पथ पर आगे बढ़ता रहता है और उसे अवश्य सफलता मिलती है।

जबकि अशिक्षित अपनी अज्ञानता के कारण जीवन के पथ से भटक जाता है और उसका जीवन बेकार हो जाता है। वैसे भी हमारे समाज में अशिक्षित व्यक्ति को पशु के जैसा ही माना जाता है।

समय के साथ-साथ शिक्षा के अधिकार का दायरा बढ़ा है, क्योंकि प्राचीन और मध्यकालीन दौर में महिलाओं को शिक्षा (Education to Women) के अधिकार से वंचित रखा गया था।

परंतु अब महिलाएं भी शिक्षा हासिल कर बड़े-बड़े पद और अफसर बन रही है। वह हर क्षेत्र में पुरुषों के कंधे-से-कंधे मिलाकर काम कर रही है, यही तो शिक्षा का ताकत है।

आज के वर्तमान समय में शिक्षा ही व्यक्ति के भविष्य को तय करता है कि किसी व्यक्ति का भविष्य कैसा होगा। आज बढ़ती जनसंख्या के कारण लोगों में एक-दूसरे से आगे बढ़ने का कंपिटिशन के कारण हायर एजुकेशन का डिमांड काफी बढ़ गया है।

आजकल व्यक्ति को नौकरी हायर एजुकेशन के साथ-साथ हायर स्किड (उच्च दक्षता) पर ही मिलती है। शिक्षा मनुष्य को मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।

आज आधुनिक समय में लोग कला की शिक्षा जैसे-खेलकूद, नृत्य,संगीत इत्यादि हासिल कर अपना कैरियर बना सकता है। सबसे बड़ी बात तो यह है, कि हम आज के आधुनिक युग जो तकनीकों से भरा हुआ है।

बिना शिक्षा हम इसका कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। अतः शिक्षा जीवन में सफलता हासिल करने का सबसे सरलतम और एकमात्र माध्यम है।

Long Type Essay on Importance of Education in Hindi

“सा विद्या विमुक्ते” अर्थात् विद्या वह है जो हमें बंधनों से मुक्त कर अपना कर्तव्य निभाना सिखाए। शिक्षा मनुष्य की शक्तियों का विकास करती है।

विद्या को सबसे बड़ा अस्त्र माना जाता है, क्योंकि इसके माध्यम से बड़े-बड़े समस्याओं को भी सुलझाया जा सकता है। शिक्षा के बिना मनुष्य पशु के समान है। जो लक्ष्यहीन होता है।

शिक्षा के माध्यम से मनुष्य के मस्तिष्क का समग्र विकास होता है, और उसमें अपनापन और इंसानियत पैदा होता है। यह मनुष्य के लक्ष्यहीन जीवन को लक्ष्य प्रदान कर उसे जीवन जीना सिखाती है।

शिक्षा के माध्यम से ही हम पृथ्वी पर मौजूद चीजों को समझते है। शिक्षा का अधिकार स्त्री और पुरुष दोनों के लिए समान होना चाहिए। आज हम देखते हैं कि शिक्षा से वंचित लोग समाज में पिछड़े हुए होते हैं।

उनका समाज में कोई विशेष स्थान और महत्व नहीं होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि शिक्षा मनुष्य के जीवन में खुशी हासिल करने का एकमात्र जरिया है।

यही कारण है कि, हर इंसान चाहता है कि उसका बच्चा शिक्षा ग्रहण कर अपना जीवन खुशी से यापन करें। हम अपने समाज में देखते हैं कि शिक्षित व्यक्ति का सम्मान और प्रतिष्ठा अशिक्षित व्यक्तियों से कहीं ज्यादा होता है।

अतः शिक्षा सम्मान और प्रतिष्ठा पाने का एकमात्र आधार है।

शिक्षा क्या है? Shiksha Kya Hai?

शिक्षा वह साधन है, जो हमें जीवन के मूल्यों को समझाती है। शिक्षा शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के ‘शिक्ष्’ धातु से हुआ है।

जिसका मतलब होता है- “सीखना या सिखाना” शिक्षा एक मात्र ऐसी चीज है जो मनुष्य की पशुता दूर कर उसमें मानवता का सार भरती है।

शिक्षा को सबसे बड़ा उपकरण माना जाता है, क्योंकि शिक्षा के माध्यम से जटिल से जटिल समस्याओं का भी तौड़ निकाला जा सकता है।

शिक्षा से ही मनुष्य तकनीकों से भरा इस आधुनिक युग में प्रवेश किया है। शिक्षा के बारे (About Education in Hindi) में कई विद्वानों ने अपनी-अपनी अनमोल बातें कही है। जिनमें से कुछ विद्वानों के अनमोल वचन निम्नलिखित हैं –

स्वामी विवेकानंद : “शिक्षा व्यक्ति में अंतर्निहित पूर्णता की अभिव्यक्ति है।”

राष्ट्रपिता गांधी जी : “सच्ची शिक्षा वह है, जो बच्चों के आध्यात्मिक बौद्धिक और शारीरिक पहलुओं को उभारती और प्रेरित करती है।”

महान ग्रीक दार्शनिक अरस्तु :  “शिक्षा मनुष्य की शक्तियों का विकास करती है विशेष रूप से मानसिक शक्तियों का विकास करती है। ताकि वह परम सत्य शिव एवं सुंदर का चिंतन करने योग्य बन सके।”

रवींद्रनाथ टैगोर : “हमारी शिक्षा स्वार्थ पर आधारित, परीक्षा पास करने के संकीर्ण मकसद से प्रेरित, यथाशीघ्र नौकरी पाने का जरिया बन कर रह गई है। जो एक कठिन और विदेशी भाषा में साझा की जा रही है। इसके कारण हमें नियमों, परिभाषाओं, तथ्यों और विचारों को बचपन से रटने की दिशा में धकेल दिया है। यह न तो हमें वक्त देती है और ना ही प्रेरित करती है। ताकि हम ठहर कर सोच सके और सीखे हुए को आत्मसात कर सके।”

शिक्षा का महत्व। Importance of Education in Hindi

एक इंसान के जीवन में जितना महत्व रोटी, कपड़ा और मकान का होता है। उससे कहीं ज्यादा शिक्षा का महत्व (Shiksha ka mahatva) होता है।

शिक्षा के महत्व का अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं कि, विकसित और विकासशील देश के बीच का मुख्य अंतर शिक्षा ही है।

क्योंकि जिस देश का नागरिक जितना शिक्षित होगा उस देश का विकास उतना ज्यादा होगा। शिक्षा से मनुष्य का तकनीकी, बौद्धिक और सामाजिक सभी प्रकार का विकास होता है।

आज के समय में प्रतिस्पर्धा से भरी इस दुनिया में शिक्षा का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। वर्तमान समय में लोगों को रोजगार उच्च शिक्षा और उच्च दक्षता पर ही मिलती है।

इस कारण आज गुणवत्तापूर्ण और उच्च शिक्षा का महत्व बहुत ही ज्यादा बढ़ गया है। विश्व की बढ़ती जनसंख्या और रोजगार के घटते संख्या के कारण लोगों के बीच प्रतिस्पर्धा बहुत ही ज्यादा हो गया है।

किसी भी व्यक्ति और देश का भविष्य शिक्षा पर ही निर्भर करता है। शिक्षा से लोगों का व्यक्तिगत उन्नति, सामाजिक स्थिति में वृद्धि, आर्थिक उन्नति, स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार और सामाजिक जागरूकता उत्पन्न होती है।

इतना ही नहीं बल्कि अच्छी शैक्षणिक स्थिति एक संपन्न और विकसित राष्ट्र निर्माण का आधार होता है। इस प्रकार, हम देखते हैं कि जीवन के हर क्षेत्र में शिक्षा का महत्व अहम है।

शिक्षा के लाभ। Banefit of Education in Hindi

वैसे शिक्षा ही एक ऐसी चीज है, जिसका सिर्फ और सिर्फ लाभ ही होता है। इसका कोई हानि नहीं होता है। मनुष्य के समग्र विकास के पीछे केवल शिक्षा का ही हाथ होता है। शिक्षा हमें निम्नलिखित लाभ प्रदान करती है –

  • यह समाज में हमें एक विशेष स्थान दिलाता है।
  • शिक्षा हमें खुशी और सुखमय जीवन प्रदान करता है।
  • शिक्षा हमें विनम्र और अनुशासित बनाता है। यह हमें सिखाती है कि हमें अपने से बड़ों का सम्मान और आदर करना चाहिए।
  • शिक्षा हमें अपने जीवन में बेहतर कमाई का अवसर प्रदान करता है।
  • शिक्षा के बदौलत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए-नए खोज से मानव जीवन सरल और सुखमय बनता है।
  • यह हमें समय का सदुपयोग सिखाती है।
  • यह हमें रहन-सहन और तौर-तरीके सिखाती है।
  • इस पर हमारा भविष्य टिका हुआ होता है।

Shiksha Ka Adhikar । शिक्षा का अधिकार

भारतीय संविधान में 86वें संविधान संशोधन अधिनियम 2002 में शिक्षा का अधिकार शामिल किया गया था। इस अधिनियम को संपूर्ण भारतवर्ष में 1 अप्रैल 2010 को लागू किया गया था।

इसके तहत 6 से 14 वर्ष के सभी बालक एवं बालिकाओं को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है। इस अधिनियम में 7 अध्याय और 38 खंड है।

भारत सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया गया कि, जो बच्चे गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पाते हैं। उनको नि:शुल्क शिक्षा प्रदान किया जाए। इसके लिए भारत सरकार ने सभी राज्यों को 25 हजार करोड़ रुपये का सहयोग दिया है।

शिक्षा से सम्बंधित कुछ प्रश्नोत्तरी :

  • शिक्षा के तीन प्रकार कौन-कौन से हैं?

ANSWER : औपचारिक, अनौपचारिक और गैरऔपचारिक शिक्षा के तीन प्रकार हैं।

  • शिक्षा का जनक किसे कहा जाता है?

ANSWER : “जॉन अमोस कोमेनियस” को आधुनिक शिक्षा का जनक कहा जाता है।

  • शिक्षा क्या है?

ANSWER : शिक्षा वह साधन है, जो हमें जीवन के मूल्यों को समझाती है।

  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम कब लागू हुआ?

ANSWER : 1 अप्रैल 2010 को शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ।

  • शिक्षा का अर्थ है?

ANSWER : शिक्षा शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के “शिक्ष” धातु से हुआ है। जिसका मतलब सीखना-सिखाना होता है।

उपसंहार (Conclusion)

इस प्रकार, निष्कर्ष के तौर पर हम यह कह सकते हैं कि, शिक्षा मानव के लिए अहम और अनिवार्य है। इसके बिना मानव जीवन अधूरा है।

हमें अपने बच्चों को उच्च से उच्च शिक्षा दिलाना चाहिए। उनमें शिक्षा के प्रति जागृति उत्पन्न करना चाहिए। ताकि वह शिक्षा ग्रहण कर एक अच्छा इंसान बन सके।

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