What is SEO in Hindi – SEO क्या है? – Easy Explanation

What is SEO in Hindi – SEO क्या है? : Online दुनिया में एक बहुत ही जाना-माना Term आता है – SEO (Search Engine Optimization). लेकिन इसके बारे में लोगो को ज्यादा जानकारी नहीं होती है।

इसलिए आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि SEO Kya Hai और हम अपने Blog का SEO Kaise Kare. So, आज का यह पोस्ट उन लोगो के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो घर बैठे ऑनलाइन पैसे कमाने की सोच रहे है?

जैसा कि आप सब अच्छी तरह जानते है, कि आज के इस बढ़ते इन्टरनेट युग में धीरे-धीरे सबकुछ ऑनलाइन होता जा रहा है। ऐसे में लागातार Online Earning का Craze भी लोगो में बढ़ता ही जा रहा है। आज हम सब के बीच कुछ ऐसे भी लोग मौजूद होते है, जो घर बैठे लाखो पैसे कमा रहे है। उसे देखकर हो सकता है आपके मन में भी पैसे कमाने की चाहत हुई हो।

तो इस स्थिति में आप पता लगायेंगे की ऑनलाइन पैसे कमाने का सबसे अच्छा माध्यम या जरिया इस समय कौन सा है? तो जवाब में ये तीन Earning Source आपके सामने जरुर आयेंगे-

  1. Blogging
  2. YouTube or Vlogging
  3. Online Marketing (Affiliate Marketing/Digital Marketing)

ये तीनो Present टाइम में Online Earning का सबसे पोपुलर Source माना जाता है। इसलिए इन तीनो ही माध्यम से आपको पैसे कमाने के लिए SEO के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है।

खासकर जब आप Blogging के Through पैसा कमाना चाहते है, तो SEO आपके लिए और भी Important हो जाता है। क्योंकि ब्लॉग्गिंग से आप तब तक अच्छे पैसे नहीं कमा सकते जब तक की आप SEO अर्थात् Search Engine Optimization के बारे में अच्छी तरह न जान ले।

SEO को Blogging का Backbone यानि रीढ़ की हड्डी मानी जाती है। चाहे आप कितने भी अच्छे पोस्ट लिख ले। लेकिन जब तक आपको SEO का ज्ञान अच्छे से नहीं होगा, तब तक आप अपने पोस्ट को किसी भी Search Engine में पहले पेज पर Rank नहीं करा सकते है। जिस कारण आपके ब्लॉग पर Organic Traffic बहुत कम आएगा।

तो आइये Detail में जानते है, कि  SEO क्या है – What is SEO in Hindi?

SEO क्या है – What is SEO in Hindi?

SEO का मतलब होता है (SEO Meaning in Hindi) : Search Engine Optimization. यह किसी भी Blog या Website को SERPs (Search Engine Result Pages) में Top पर Rank कराने का एक Technique होता है।

दूसरे शब्दों में,

SEO Kya Hai, SEO Kaise Kare

SEO (Search Engine Optimization) एक ऐसा Process है, जिसके द्वारा आप अपने Blog के Organic Search या Natural Search को Improve कर सकते है। और अपनी वेबसाइट पर Lots of Traffic Generate सकते है।

SEO कोई एक दिन या एक रात का Game नहीं है, बल्कि इसमें आपको महीनों या फिर सालों का भी समय लग सकता है।

आप चाहे अपने Blog पर कितना भी अच्छा Quality Content लिखे। But, जब तक आप उस Blog Post का SEO नहीं करेंगे तब तक आप उस पोस्ट को सर्च इंजन रैंकिंग में टॉप पर नहीं ला सकते हैं।

वैसे कोई भी Search Engine जब किसी Blog/Website को Crawl करती है, तो वह उस Blog या Website के बहुत सारे फैक्टर्स को ध्यान में रखकर वेबसाइट को SERPs में Index करती है।

But, इसमें से कुछ ऐसे महत्वपूर्ण Factors है। जिनके बारे में हम नीचे चर्चा करने वाले हैं। इससे पहले हम यह जान लेते हैं, कि SEO कितने प्रकार का होता है?

SEO के प्रकार – Types of SEO in Hindi

SEO मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं-

  1. On -Page SEO
  2. Off-Page SEO

On Page SEO in Hindi

SEO फैक्टर्स को ध्यान में रखकर जब हम किसी Blog Post को Optimize करते है, तब इस प्रकार की SEO Technique On Page SEO कहलाती है। कोई भी Web पेज Search Engine में On Page SEO के Optimization के अनुसार ही Index करती है।

अगर आप अपने पोस्ट को Publish करने से पहले नीचे दिए गए कुछ Important Factors पर ध्यान देंगे, तो बेशक आपकी पोस्ट सर्च इंजन के पहले पेज पर रैंक करेगी।

13 On Page SEO Factors in Hindi

01. Title

आप जिस Keyword पर अपना पोस्ट लिख रहे है। उसके मुताबिक एक Simple Title Choose करे। और प्रयास रखे की आपके टाइटल की Starting Main Keyword से हो। लेकिन अगर शुरू में कीवर्ड देने से Sentence Occurred लगता है, तो आप इसे Middle या Last में भी डाल सकते है।

02. Subtitle

टाइटल के बाद नीचे Subtitle का Column आता है। जिसमे आपको अपने पोस्ट के बारे में 50 से 100 Characters में अपने पोस्ट के बारे में लिखना है। अगर Possible हो, तो इसमें आप अपने Main Keyword या इससे Related Keyword का Use जरुर करे।

03. Permalink

SEO में Permalink बहुत Important Factor होता है। क्योंकि किसी भी सर्च इंजन में Title के नीचे Permalinks ही Show करता है। इसलिए इसे हमेशा SEO-Friendly URL के रूप में रखे।

अगर आपने अपना Website BlogSpot पर बनाया है, तो उसमे SEO-Friendly Permalinks का Option नहीं मिलता है। लेकिन अगर आपकी वेबसाइट WordPress पर बनी है, तो इसमें इसका आप्शन मिल जाता है।

04. By Default Permalinks-

  • https://www.yoursite.com/yy/mm/dd/sample-post/
  • https://www.yoursite.com/yy/mm/sample-post/
  • https://www.yoursite.com/archives/123
  • https://www.yoursite.com /?p=123 …etc

SEO-Friendly Permalinks

  • https://www.yoursite.com/sample-post/

एक बात हमेशा ध्यान रखे की Permalinks में Main कीवर्ड जरुर होने चाहिए। और सभी Single Word के बाद Dash (-) जरुर दे।

जैसे की मै यह पोस्ट SEO के बारे में लिख रहा हूँ। तो यहाँ मेरा Focus Keyword है : SEO in Hindi. तो इसका Permalink कुछ इस प्रकार से होगा।

  • https://hindimind.co.in/seo-in-hindi/

05. Meta Description

यहाँ तीसरा सबसे महत्वपूर्ण SEO Factor है : Meta Description, SERPs में Title Tag और Permalinks के बाद Meta Description ही Show करता है। साथ ही कोई भी सर्च इंजन पोस्ट को Crawl करते वक़्त इन तीनो पर खास फोकस करता है। So, पोस्ट लिखने समय इसे ख्याल में जरुर रखे।

एक Perfect Meta Description की Length 150-160 Character का होना चाहिए और इस बात का जरुर ख्याल रखें कि आपका Main कीवर्ड इसमें मौजूद हो।

06. Post Length

किसी भी ब्लॉग पोस्ट की रैंकिंग में Post Length भी एक Important Role Play करता है। जैसे की आप सब को पता होगा कि आज AI (Artificial Intelligence) का जमाना आ गया है। और गूगल सहित सभी पोपुलर सर्च इंजन SERPs को और बेहतर बनाने के लिए AI का इस्तेमाल कर रही है।

इसलिए आपके पोस्ट की Length जितनी ज्यादा होगी। गूगल को लगेगा की आपने अपने पोस्ट में पूरीं जानकारी दी है। जिससे वह आपके पोस्ट को सर्च इंजन के पहले पेज पर Index करेगी।

So, कोई भी ब्लॉग पोस्ट लिखने वक़्त प्रयास रखे की आपके पोस्ट की Length Minimum 800 से 1000 Words के बीच होनी चाहिए।

07. Paragraph Length

कोई भी पोस्ट लिखने वक़्त करीब 150 Word के बाद Paragraph जरुर Change करे। इससे आपके पोस्ट की Readability और SEO Score Ranking भी Improve होगी।

08. Use Proper Headings & Sub Headings

किसी भी पोस्ट के Headings का SEO में बहुत बड़ा Importance माना जाता है। इसलिए कोई भी पोस्ट लिखने वक्त Proper Heading (H1) और Sub Headings (H2, H3…H6) का Use जरूर करें।

मगर ध्यान रहे कि आपके H1 Heading में आपका Target Keyword मतलब Focus Keyword या Main Keyword जरूर होना चाहिए। और Subheadings H2 में भी आपके ब्लॉग पोस्ट का मुख्य Keyword होना चाहिए।

एक बात आपको बता दूं, कि गूगल किसी भी Post या Page के Title Tag को ही <H1> के रूप में Count करता है। और किसी भी पोस्ट में H1 केवल एक ही बार Use किया जाना चाहिए।

उदहारण के तौर पर मैं आपको इसी Post के बारे में बताता हूँ।

हमारे इस पोस्ट का टाइटल है- “SEO क्या है What is SEO in Hindi? – Easy Explanation“. तो गूगल ने इसे H1 के रूप में काउंट किया होगा और पोस्ट में मैंने जितने भी बाकी Heading के प्रयोग किये हैं, वो सभी H2, H3 और H4 हैं। चुकीं हमारा फोकस कीवर्ड SEO in Hindi है। इसीलिए मैंने इसे H2 में भी प्रयोग किया है।

09. Image Alt Text

आज SEO में Alt Text का काफी Importance है। Google अपने Search Engine Result Pages (SERPs) को दिन- प्रतिदिन और बेहतर बनाने की कोशिश में लगा रहता है। इसलिए गूगल लगातार Algorithm में Changes करता ही रहता है।

अगर आज आप गूगल पर कुछ सर्च करते हैं, तो आपने देखा होगा की कई बार आपके सामने Text Result से पहले Image Results Show करता है। मतलब अब गूगल Organic Search में Main Result Page पर आपके Query से Related पहले Images को दिखायेगा और फिर Organic Text Results दिखाए जायेंगे।

And, One More Important Thing, Image Alt Text आपके Images को Hyperlinked Search Results में Convert कर देगा। जिससे आपके साईट पर Organic Traffic बढ़ जाएगी। जिससे आपकी Earning में काफी बढ़ोतरी होगी।

इसलिए कोई भी Blog Post लिखने वक़्त उसमे कम से कम दो Images जरुर Add करे, और उसका Alt Text करना बिलकुल भी नहीं भूले।

10. Internal Linking

किसी भी वेबसाइट के रैंकिंग में Internal Link का बहुत बड़ा हाथ होता है। On-page SEO के इस प्रकार में किसी Individual Page को  Same Domain के अन्दर किसी दुसरे पेज को लिंक करते है।

उदाहरण के तौर पर हमने नीचे इसी वेबसाइट के किसी Article का लिंक इस पोस्ट में डाल दिया है। इस तरह से यह एक प्रकार का Internal Link हो गया। अगर आप भी कोई पोस्ट लिखते है, तो उस पोस्ट से संबंधित अपने आर्टिकल में कम-से-कम दो से तीन इंटरनल लिंक अवश्य डालें।

11. Outbound Links

Outbound Links का SEO में एक अहम योगदान है। इस लिंक  को हम External Links भी कहते है। इस Link के Through Visitor किसी दूसरी वेबसाइट पर Redirect हो जाते है।

उदाहरण के लिए मान लीजिये कि मैंने इस पोस्ट में पोस्ट से रिलेटेड किसी दुसरे High Domain Authority वाली वेबसाइट के किसी Article को एक लिंक दे दिया। इस तरह से वह लिंक मेरे वेबसाइट के लिए एक Outbound Link हो गया। जबकि दूसरी वेबसाइट को एक Do-follow Backlink मिल गया।

12. Keyword Density

SEO में Keyword Density या Keyphrase Density का बहुत महत्व है। Keyword Density का मतलब आपने अपने एक पूरे ब्लॉग पोस्ट में लिखे गए Total Text के Compare में जितनी बार आपने Main Keyword या Focus Keyword का प्रयोग किया है। उसे ही कीवर्ड Density कहा जाता है।

उदाहरण के लिए मान लेते हैं, कि आपने 100 Word का कोई Article लिखा। और उसमे आपने 5 बार Main Keyword का प्रयोग किया है। इस प्रकार उस ब्लॉग पोस्ट के लिए आपका Keyphrase Density 5% हो गया।

Keyword Density आपके Post के बारे में बहुत कुछ बतलाता है। Google, Yahoo और Bing जैसे Search Engine अपने Users द्वारा सर्च किये गए Query के लिए हमेशा Best Possible Answer देने की कोशिश करता है।

इसलिए गूगल User को कोई भी Result दिखाने से पहले किसी भी वेब पेज के 200+ Factors की जांच करता है। तब जाकर यूजर के सामने सर्च रिजल्ट Display करता है। इसी में से एक है : Keyword.

इसलिए किसी भी Blog Post को लिखने वक्त आपको Focus Keyword पर ख़ास ध्यान देना होगा। Yoast SEO के मुताबिक किसी भी पोस्ट में Total Word का सिर्फ 0.5%  से लेकर 3% तक फोकस कीवर्ड का प्रयोग करना चाहिए।

13. Website Speed

Website Speed Kaise Badhaye

किसी भी वेबसाइट की Ranking में आपकी वेबसाइट की Speed एक अहम Factor होता है। चाहे आपने कितने भी अच्छे पोस्ट क्यों ना लिखें हो। अगर आपकी वेबसाइट की Load Timing बहुत ज्यादा है, तो आपकी वेबसाइट या पोस्ट कभी भी गूगल के First Page पर रैंक नहीं कर सकती।

क्योंकि आज गूगल के पास Website की कमी नहीं है। उसके पास पहले से लाखों वेबसाइट ऐसे मौजूद है, जिसने आपसे अच्छा Content लिखा हुआ है। इसलिए आज अपने पोस्ट या वेबसाइट को गूगल के First Page पर रैंक कराने के लिए आपको इसके कई Important Factor पर ध्यान देने होते हैं। जिसमे से एक है आपकी वेबसाइट की Website Load Timing या Website Speed.

हाल ही में गूगल में एक महत्वपूर्ण Google Core Update जारी किया है, जिसमें Site Speed एक महत्वपूर्ण रैंकिंग फैक्टर है।

अपने वेबसाइट की Load Timing को कैसे कम करे?

उत्तर : अगर आपने अपना वेबसाइट Self Hosted WordPress पर बनाया है, तो इसमें आप कही ना कही से Web Hosting जरुर Purchase किया होगा। लेकिन अक्सर यूजर सस्ते Web Hosting खरीदने के चक्कर में ये नहीं समझते है, कि उसके लिए ये Hosting कितना अच्छा है या बुरा।

कोई भी Hosting खरीदने से पहले आपको निम्न दो बातों पर ध्यान देना होगा :

  • आपका Content हिंदी में है या फिर इंग्लिश में।
  • आपके Hosting का Server Location कहाँ है?

अगर आप अपने Blog पर Content हिंदी में लिखते है, तो बेशक आपके साईट पर Traffic Mainly India, Pakistan और Bangladesh से आएगा। ऐसे Condition में आपके Hosting का Server Location आपके वेबसाइट की Speed में काफी Important Role Play करता है।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिये कि आपका ब्लॉग हिंदी में है और आपके वेबसाइट पर 90 प्रतिशत ट्रैफिक इंडिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आता है। ऐसे में अगर आपके Hosting का Server Location USA में है, तो आपके वेबसाइट की Load Timing बहुत ज्यादा हो जाएगी। जो आपके साईट के लिए फायदेमंद कम और नुकसानदायक ज्यादा साबित होंगी।

लेकिन वही अगर आपके साईट का सर्वर लोकेशन इंडिया में है, तो आपकी साईट दो से तीन गुना ज्यादा Fast Load होगी। और आपके साईट की जितनी अच्छी लोड टाइमिंग होंगी। गूगल उसको उतना ही जल्दी सर्च रिजल्ट में टॉप पर ला सकता है।

इसलिए कोई भी Hosting खरीदने से पहले ये जरुर देख ले की आपका ब्लॉग किस Language में बना है, और आपके Web Hosting का Server Location क्या है?

Off Page SEO in Hindi

Off-page SEO को हम “Off-site SEO” भी कहते हैं। किसी भी वेबसाइट की रैंकिंग में इसका भी बहुत बड़ा योगदान होता है। इसका सारा काम वेबसाइट के बाहर होता है। इसलिए नीचे हम Off-Page SEO के कुछ Main Factors को जानते है-

6 Off-Page SEO Factors in Hindi

  • Backlinks

Backlinks Off-page SEO का एक प्रकार है। इसमें एक वेबसाइट को किसी दुसरे वेबसाइट से लिंक किया जाता है। Backlinks को हम “Inbound Links” or “Incoming Links” भी कहते है।

दुसरे शब्दों में,

SEO Process का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पार्ट है: Backlinks. यह आपके वेबसाइट के Search Bots को Crawl करने में मदद करता है, तथा आपके साईट और Content को SERPs इ Properly Rank करने में मदद करता है।

इसलिए कोई भी वेबसाइट Owner SREPs में अपने वेबसाइट की रैंकिंग को और Improve करने के लिए ज्यादा-से-ज्यादा Quality Backlinks बनाने की कोशिश करता है।

  • Directory Submission

Directory Submission भी आपके वेबसाइट का सर्च इंजन में रैंकिंग को इम्प्रूव करने तथा PR(Page Rank) को बढ़ाने में काफी मदद करता है।

हालाँकि कुछ ऐसे भी Automated Directories होते है, जो आपके साईट की रैंकिंग में ज्यादा हेल्पफुल साबित नहीं होते हैं। इसके जगह High PR, Do-follow and Fast or Regular Caching Directories आपके वेबसाइट के लिए ज्यादा Useful है।

  • Social Media Linking

आज शायद ही कोई ऐसा हो जो सोशल मीडिया का उपयोग ना करता हो। किसी भी ब्लॉग की रैंकिंग में सोशल मीडिया का भी अपना एक अलग स्थान होता है।

सोशल मीडिया से अपने Blog को लिंक करने से पहला तो आपको No-follow Backlinks मिलेगा। तथा अगर आप अपने पोस्ट को अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते हैं, तो आपके ब्लॉग की ट्रैफिक भी काफी Increase होगी।

So, अपने ब्लॉग या वेबसाइट के नाम से सभी सोशल मीडिया पर अकाउंट और पेज जरुर बनाये। और अपने वेबसाइट के पोस्ट को सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करे।

  • Blog Commenting

यह भी Off-page SEO का एक प्रकार है। इसमें आपको आपके वेबसाइट के Niche से Related किसी दुसरे वेबसाइट पर जाकर कमेंट करना है।

कमेंट करते वक़्त आपको नीचे अपने वेबसाइट के होमपेज या फिर जिस पोस्ट पर आप कमेंट कर रहे हैं उससे सम्बंधित अपने किसी पोस्ट का लिंक से देना है।

अगर Website का ओनर आपके कमेंट को Approve कर देता है, तो एक तो आपको यहाँ भी एक No-follow Backlink मिल जायेगा साथ ही कई लोगों को आपके वेबसाइट के बारे में पता चलेगा। जिससे आपके साईट पर Referral Traffic भी बढ़ेगी।

  • Guest Posting

SERPs में अपने साईट की रैंकिंग को और भी Fast Improve करने के लिए Guest Posting सबसे Best तरीका माना जाता है। इसके लिए आपको एक ऐसे वेबसाइट को Choose करना है, जिसका DA, PA और PR आपके Blog से ज्यादा हो तथा वह साईट आपके साईट के Niche से Match करता हो।

अगर ऐसे साईट पर आप Guest Posting करते है, और पोस्ट में कही भी उस पोस्ट से रिलेटेड अपने साईट के किसी भी एक पोस्ट का लिंक डाल देते हो, तो पहला आपको एक Do-follow Backlink मिलेगा जिससे सर्च इंजन में आपके साईट की रैंकिंग बहुत जल्दी इम्प्रूव होंगी और दूसरा आपके साईट पर Referral Traffic भी बढ़ेगी। इसलिए साईट की रैंकिंग के लिए गेस्ट पोस्टिंग बहुत जरुरी है।

  • Submit Your Sitemap in Google Search Console & Connect Site to Google Analytics

ऊपर दिए गए सभी Steps को फॉलो करने के बाद आप अपने साईट को Google Search Console और Google Analytics से जरुर Connect करे। ताकि आप अपने वेबसाइट के Error Page, Broken Links, Backlinks और अपने वेबसाइट की Traffic को Regularly Monitor कर पाए।

SEO सम्बंधित कुछ सवाल और उसके जवाब

Q – ओर्गेनिक ट्रैफिक क्या है? What is Organic Traffic in Hindi?

ANSWER : Organic Traffic का मतलब जब कोई किसी भी सर्च इंजन यानि Google, Yahoo, Bing या Yandex आदि में कोई भी Keyword या Query सर्च करके SERPs (Search Engine Result Pages) के माध्यम से आपके वेबसाइट तक पहुँचता है। तब इस प्रकार से आये ट्रैफिक को Organic Traffic मानी जाती हैं।

Q – Website को Crawl करते समय गूगल कितने Factors की जाँच करता है?

ANSWER : जब गूगल किसी भी Blog/Website को Crawl करता तो वह 200+ SEO Factors पर ध्यान देता है।

Q – SEO के दो प्रकार क्या है?

ANSWER : On Page और Off Page, SEO के दो प्रकार है।

Q – क्या SEO करने के लिए Coding का जानना आवश्यक है?

ANSWER : नहीं। अगर आपका Blog WordPress पर बना है, तो आप कई Best SEO Plugin जैसे Yoast SEO, Rankmath SEO की मदद से अपने ब्लॉग का Search Engine Optimization कर सकते हैं।

Q – SEO Friendly Website का मतलब क्या होता है?

ANSWER : मतलब आपने अपने वेबसाइट के सभी Post और Pages को सर्च इंजन के मुताबिक अच्छे से Optimize कर रखा है। जिससे किसी भी सर्च इंजन को आपके वेबसाइट के हर एक पोस्ट और पेज को Crawl करके Index करने में आसानी होती है।

Conclusion

I Think आपको समझ में आ गया होगा कि SEO Kya Hai (What is SEO in Hindi). लेकिन फिर भी आपको इस आर्टिकल में कोई भी Point समझने में दिक्कत आ रही हो, तो आप नीचे दिए गए बॉक्स में अपना सवाल लिखकर हमें भेज सकते है।

साथ ही अगर आपको एसईओ (SEO in Hindi) का यह आर्टिकल पसंद आया हो, तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने दोस्तों से साथ जरुर शेयर करे।

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